Monday, 10 February 2014
Shahzad saifi shayri
मे अखबार नही,जो दुसरे दिन पुराना हो जांउ,,,
जिंदगी का वो पन्ना हुं,जहां लम्हे ठहर जाते है...
मे अखबार नही,जो दुसरे दिन पुराना हो जांउ,,,
जिंदगी का वो पन्ना हुं,जहां लम्हे ठहर जाते है...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment